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RBI: '20,000 रुपये से अधिक का ऋण...' भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) वित्तीय संस्थानों को निर्देश

Hindi Editorial

भारतीय रिजर्व बैंक ऋण पर कई प्रतिबंध लगाता रहा है। तदनुसार, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा नकद उधार पर सीमाएं सीमित कर दी गई हैं। इसका मतलब है कि ये कंपनियां ग्राहकों को 20,000 रुपये से अधिक नकद में न दें।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 8 मई को सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को पत्र जारी किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नकद लेनदेन के लिए आयकर नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य कर दिया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक

आयकर अधिनियम, 1961 के नियम 269 एसएस के अनुसार, कोई भी व्यक्ति नकद में 20,000 रुपये से अधिक की ऋण राशि का दावा नहीं कर सकता है। इसके अलावा, किसी भी एनबीएफसी के पास 10,000 रुपये का ऋण होगा। 20,000 रुपये से अधिक का ऋण नकद में नहीं दिया जाना चाहिए। 

यह कदम आईआईएफएल फाइनेंस द्वारा नकद ऋण के लिए वैधानिक मानदंडों के उल्लंघन के बाद उठाया गया है, जो कम ब्याज वाले गोल्ड लोन, बिजनेस लोन, होम लोन आदि प्रदान करता है।