बीसीसीआई के सेक्रेटरी जय शाह ने कहा है कि, अब सिर्फ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप ही बाकी है, उसे भी रोहित शर्मा के नेतृत्व में ही वही को जीतेंगे। इन बातों से खुश उठने पर भी, एक तरफ का कहना है कि रोहित के लिए एक न्याय बना रहा है और कोहली के लिए दुसरा। जय शाह के कहने से रोहित शर्मा ओन डे और टेस्ट क्रिकेट के कप्तान बने रहेंगे।
2017 से 2021 के अंत तक विराट कोहली ने भारतीय टीम के तीनो फॉर्मेट के कप्तान रहे। उसके बाद कॅप्टेन्सी रोहित के हाथों पर आया था। जब तक कोहली कप्तान था, तब तक भारतीय टीम ने कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीता था। कप के पास तक जाकर भारत ने हारा। यही एक चर्चा का बड़ा कारण बना और नेतृत्व में बदलाव आया था।
विराट कोहली ने इसकी वजह बताई थी कि ''मैं कप्तान के तौर पर काम का बोझ कम करके वनडे और टेस्ट मैचों पर ज्यादा फोकस करने जा रहा हूं.''
उस वर्ल्ड कप में भारत बुरी तरह हार गया। बीसीसीआई ने विराट कोहली को वनडे मैचों की कप्तानी से भी हटा दिया.
विराट को सिर्फ टेस्ट मैचों के लिए कप्तान बनना चाहिए। उन्होंने स्वेच्छा से टेस्ट कप्तान के पद से इस्तीफा दे दिया। रोहित ने तीनों फॉर्मेट में कप्तानी की।
तब बीसीसीआई के नेतृत्व में रहनेवाले सौरव गांगुली ने कहा "बोर्ड ने कोहली से कई बार विनती की कि कॅप्टेन्सी को मत छोड़िये। लेकिन उन्होंने नहीं सूना।ओडीआई और टी20 दोनों के लिए अलग अलग कप्तान के साथ टीम को लीड करना मुश्किल काम होने की वजह से, कोहली को ओन डे कॅप्टेन्सी से भी हटाया गया था।"
तो अब सवाल यह है कि अगर तब ओन डे और टी20 के लिए अलग अलग कैप्टैन्स रखना मुश्किल बात है तो, अभी वही परिस्थिति उठा है। क्या रोहित शर्मा विश्व कप जीतने के लिए यही बोनस है? लेकिन टीम ने जिस तरह कोहली के कॅप्टेन्सी में मैचेस हारा था, उसी तरह ही रोहित के कॅप्टेन्सी में भी हुआ था। अंतर यह है कि अब रोहित शर्मा के पास विश्व कप है। कोहली के कॅप्टेन्सी भारतीय टीम के लिए बल ही रहा।
लेकिन अब टीम और बोर्ड के भीतर जो भी कन्फूशन्स हो रहा है, उससे लोग अपना अपना राय बता रहे है, कि बीसीसीआई ने कोहली के साथ अन्याय किया।