भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने अधिकतर निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है लेकिन कुछ और निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
इसमें उत्तर प्रदेश का कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सरन ने इस सीट पर जीत दर्ज की है। यह निर्वाचन क्षेत्र बृज भूषण का गढ़ भी है। हालांकि, दिल्ली में बड़ी संख्या में पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा बृज भूषण को फिर से चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने से कतरा रही थी। लेकिन बृज भूषण इस बात पर अड़े थे कि उन्हें टिकट मिलना चाहिए। इससे भाजपा के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई। इसके बाद बीजेपी ने बृज भूषण की पत्नी को मौका देने पर विचार किया। वह धमकी दे रहे थे कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाएंगे।
बृज भूषण भूषण के बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज से भाजपा ने मैदान में उतारा है। करण भूषण सिंह वर्तमान में उत्तर प्रदेश कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं। बृज भूषण छह बार सांसद रह चुके हैं।
अगर उन्हें या उनके अनुसार किसी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाता है तो इसका असर तीन और निर्वाचन क्षेत्रों में दिखाई देगा। इसलिए भाजपा ने उनका साथ नहीं छोड़ा। बृज भूषण के बड़े बेटे प्रतीक भूषण विधायक हैं।
बृज भूषण के बेटे के टिकट पर प्रतिक्रिया देते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, 'भारत की बेटियां हार गईं, बृजभूषण जीत गए। हम सभी ने अपने खेल को जोखिम में डाला और कई दिनों तक धूप और बारिश में सड़क पर सोते रहे।
बृजभूषण को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। हम कुछ भी मांग नहीं रहे हैं, हम केवल न्याय मांग रहे हैं। बृजभूषण ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली में कई दिनों तक पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ केस दर्ज किया था। लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।