विजयधरणी कांग्रेस के टिकट पर कन्याकुमारी जिले के विलावनकोड निर्वाचन क्षेत्र से तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह विधानसभा में कांग्रेस की मुख्य सचेतक और कांग्रेस की अखिल भारतीय महिला विंग की प्रभारी थीं। इस स्थिति में उनके भाजपा में शामिल होने की खबर मिली है।
कहा जाता है कि विजयधरणी ने आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए दिल्ली कांग्रेस नेतृत्व से बात की थी, लेकिन चूंकि विजयधरणी को टिकट देने का कोई संकेत नहीं था, इसलिए उन्हें लगा कि वरिष्ठता के आधार पर उनकी अनदेखी की जा रही है। यह भी कहा गया कि विजयधरणी लोकसभा चुनाव लड़ने से ज्यादा राज्यसभा सीट में दिलचस्पी रखते थे। यदि आप कांग्रेस पार्टी में हैं, तो आप केवल एक विधायक हो सकते हैं।
अगले चरण पर जाने की कोई संभावना नहीं है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि विजयधरणी राज्यसभा सांसद बनने की योजना बना रही हैं और भाजपा में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री के पास जाएंगी। ऐसे में दिल्ली गए विजयधरणी आज भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री एल. मुरुगन भी वहां थे। उन्होंने दिल्ली में कहा, ''मैं भाजपा में शामिल होकर खुश हूं।
विजयधरणी के दलबदल के चलते उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के जरिए कार्रवाई की जाएगी। विजयधरणी को भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था।