2019 में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अगले कुछ महीनों में भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जा, अयोध्या में राम मंदिर और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का मुद्दा उठाया।
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है। इसके खिलाफ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी दो हफ्ते पहले फैसला सुनाया था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना वैध था। भाजपा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर खोलने की योजना बना रही है, जिसका अभी पूरी तरह से निर्माण नहीं हुआ है।
अब, पिछले कुछ हफ्तों से, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जोर दे रहे हैं कि वह निश्चित रूप से नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करेंगे। पिछले महीने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा था कि सीएए का अंतिम मसौदा मार्च तक प्रभाव में आने के लिए तैयार हो जाएगा। ये तीनों एक के बाद एक हो रहे हैं जबकि लोकसभा चुनाव में महज चार से पांच महीने बचे हैं।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान सहित पड़ोसी देशों से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हिंदुओं, पारसियों, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों और जैनों को भारतीय नागरिकता देने के लिए विधेयक 2019 में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था और तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा तुरंत अनुमोदित किया गया था, लेकिन अभी तक लागू नहीं किया गया है।
भाजपा सरकार, जो समय सीमा बढ़ा रही है क्योंकि उसे इसे लागू करने के लिए नियम बनाने में कठिनाई हो रही है, अब लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ गति पकड़ रही है। अमित शाह ने एक बार फिर जोर देकर कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम इस देश का कानून है और इसे लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है।
पश्चिम बंगाल के राष्ट्रीय पुस्तकालय में कल प्रदेश भाजपा के सोशल मीडिया एवं आईटी प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ''भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य में 35 से अधिक सीटें जीतेगी।
साथ ही हमें अगले विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने के लिए भाजपा के लिए काम करना है। भाजपा सरकार घुसपैठ, गौ तस्करी आदि को समाप्त करेगी और धार्मिक आधार पर सताए गए लोगों को सीएए के माध्यम से नागरिकता देगी। ममता बनर्जी सीएए के मुद्दे पर लोगों और शरणार्थियों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, मैं यह स्पष्ट कर सकता हूं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम इस देश का कानून है और इसे कोई नहीं रोक सकता है। यह हमारी जिम्मेदारी है।