फ्रांस में सरकार की फंडिंग के साथ अबॉर्शन करने का कानून की पारित किया गया है। देश ने महिलाओं के पक्ष में कानून पारित किया है कि गर्भपात उनका नैतिक अधिकार है।
फ्रांस में महिला समूहों ने अबॉरशन के समर्थन में आवाज उठाना जारी रखा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी इसके पक्ष में बात की। इस मामले में फ्रांस की संसद के एक विशेष सत्र में महिलाओं के गर्भपात पर एक विधेयक पेश किया गया था।
अगर तीन-पांचवें सांसद, या 512 सदस्य, इसका समर्थन करें तो, इस कानून को पारित कर सकता है। बिल के पक्ष में 780 वोट पड़े जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। बहुमत के समर्थन के बाद विधेयक कानून में पारित हो गया है।
फ्रांस में, जब एक विशेष कानून पारित किया जाता है, तो इसे मनाने के लिए प्रथागत है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने घोषणा की है कि नेशनल असेंबली द्वारा पारित किया गया अबॉरशन लॉ का समारोह इंटरनेशनल वोमोन्स डे के दौरान किया जाएगा।
प्रधानमन्त्री गेब्रियल अटल ने कहा, 'हमारे पास देश की सभी महिलाओं के लिए एक संदेश है।आपका शरीर आपका है और किसी को भी इसके बारे में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।'
कानून के पारित होने के बाद पेरिस में एफिल टॉवर को रोशन किया गया था।
फ्रांस 1975 में गर्भपात को वैध बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। कानून अधिकतम 14 सप्ताह की गर्भावस्था में राज्य प्रायोजित गर्भपात की अनुमति देता है। इस कानून के पारित होने के बाद महिलाएं अपनी खुशी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं।