सब महिलाओं को पीरियड के दौरान कड़ी दर्द होती है। कुछ लोग सहन लेते है, लेकिन कई लोग सहन नहीं सकते। कुछ महिलायें, लडकियां इतने कि उनको डॉक्टर से ले जाना पड़ता है, या दवाईयाँ खाना पड़ता है।
यहाँ मुंबई में एक 14 वर्षीया बच्ची ने अपने पहले पीरियड की दर्द और अवसान को सहन न पाने के कारण आत्महत्या कर ली है।
मुंबई के मालवानी के लक्ष्मी चॉल में एक 14 साल की लड़की ने घर पर अकेले होने पर आत्महत्या कर ली। जब लड़की के माता-पिता, जो बाहर थे, घर आए, तो उन्होंने लड़की को बेहोश पाया।
उसके माता-पिता ने उसे कांदिवली इलाके के एक अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उसकी जांच करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि वह पहले ही मर चुका था, पुलिस ने कहा।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पूछताछ में लड़की की मां ने पुलिस को बताया कि हाल ही में उसका पहला पीरियड आया था और वह अवसाद से गुजर रही थी और इसी वजह से उसने आत्महत्या की होगी।
हालांकि, पुलिस लड़की के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया पेजों की जांच कर रही है। इसके अलावा युवती के दोस्तों से भी पूछताछ की जा रही है।
मासिक धर्म जागरूकता के लिए काम करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता निशांत भंगेरा ने कहा कि लड़कियों में मासिक धर्म के बारे में जागरूकता की कमी इस तरह की आत्महत्याओं का कारण है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भी स्कूल-कॉलेजों में माहवारी नहीं पढ़ाई जाती।