पिछले साल मई में मणिपुर में गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के खिलाफ आदिवासी कुकी समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन दो समुदायों के बीच हिंसा में बदल गया था। संघर्ष एक साल से अधिक समय से चल रहा है।
विपक्षी दलों ने हिंसा जारी रहने को लेकर केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना की है। दंगाइयों ने आज सुबह कांगपोकपी जिले में मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के काफिले पर गोलीबारी की।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार हमला जिरिबाम इलाके में सुबह करीब साढ़े दस बजे हुआ जिसमें एक सुरक्षा अधिकारी के कंधे में गोली लगी। पुलिस ने बताया कि घायल अधिकारी का इंफाल के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है और शूटरों की तलाश शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हमले की निंदा की है। सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ''दिन-रात देश की सेवा कर रहे सुरक्षा बलों पर बर्बर हमलों की मैं कड़ी निंदा करता हूं।
हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। घायल अधिकारी से मिलने अस्पताल से लौटने के बाद सिंह ने कहा, ' मुख्यमंत्री पर हमला करना लोगों पर हमले जैसा है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।