हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, भारतीय शादियों द्वारा उत्पन्न कुल बाजार 10.7 लाख करोड़ रुपये का है, जो अमेरिका की तुलना में अधिक है।
जेफरीज एक अमेरिकी निवेश और वित्त कंपनी है। न्यूयॉर्क में मुख्यालय, कंपनी 60 से अधिक वर्षों से काम कर रही है। कंपनी ने हाल ही में भारतीयों के बीच शादी के खर्च और शादियों के बाजार पूंजीकरण मूल्यों पर एक अध्ययन किया।
अध्ययन के अनुसार, भारतीय शादियों का कुल बाजार मूल्य 10.7 लाख करोड़ रुपये है। यह अमेरिका की तुलना में दोगुना है। प्रत्येक शादी पर औसतन 12.5 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, भारतीय औसत वार्षिक आय 4 लाख रुपये कमाते हैं, लेकिन वे अपनी आय की तुलना में शादियों पर तीन गुना अधिक खर्च करते हैं।
भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय 2.4 लाख रुपये है, जो एक शादी की लागत का पांच गुना है। इतना ही नहीं ज्यादातर लग्जरी शादियों में 30 लाख रुपये और उससे ज्यादा का खर्च आता है।
शादी में कपड़े और आभूषण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लगभग 30% पैसा उनकी लागत पर खर्च किया जाता है। लगभग 20% पैसा भोजन और संबंधित खर्चों पर खर्च किया जाता है। स्टडी के मुताबिक, ज्यादा पैसा दूसरे लग्जरी खर्चों जैसे फोटोग्राफी और स्टेज डेकोरेशन पर खर्च किया जाता है।
भारतीय शादियों से कपड़ा, आभूषण और खाद्य क्षेत्रों से सभी को लाभ होता है। इससे भारतीय बाजार की वैल्यू और साइज बढ़ने की बात कही जा रही है।
चीन ने हर मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है और शादी के खर्च के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है। इसका मतलब यह है कि चीनी लोग भारतीयों की तुलना में अपनी शादियों पर अधिक खर्च करते हैं।