सुनील केदार महाराष्ट्र से कांग्रेस के विधायक थे। पूर्व मंत्री सुनील केदार पर नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप था।
2001 में जब सुनील केदार बैंक में अहम पद पर थे तब एक निजी कंपनी को 150 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था। ऋण का भुगतान नहीं किया गया है। इसके बाद बैंक के सभी निदेशकों को बर्खास्त कर दिया गया था।
सुनील केदार समेत 12 लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। इस संबंध में एक विशेष अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। विशेष अदालत ने केदार को पांच साल कैद की सजा सुनाई और उस पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
दो साल से अधिक की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद सुनील केदार से उनका पद छीन लिया गया था। विधानसभा सचिव जितेंद्र भोले ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार दो साल से अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद विधायक को तत्काल हटाना स्वत: ही शुरू हो जाता है।
उन्होंने कहा, 'हमें अदालत का आदेश और नागपुर पुलिस का पत्र मिल गया है। उसके आधार पर जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत विधायक के पद को हटा दिया गया है। अगर अदालत सजा पर रोक लगाती है तो सुनील केदार को फिर से विधायक पद दिया जाएगा।
विधायक के वकील देवन ने कहा, 'हम सजा पर रोक लगाने और जमानत देने की मांग करते हुए मंगलवार को सत्र अदालत में एक आवेदन दायर करने जा रहे हैं। कांग्रेस विधायक को अब 20 साल पहले दर्ज एक मामले में दोषी ठहराया गया है और उनके पद से हटा दिया गया है।