अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आज दोपहर 12 बजे शुरू हुआ था। केंद्र सरकार ने इस आयोजन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों को आधे दिन की छुट्टी दी है। भाजपा शासित राज्यों ने भी इसका पालन किया है और सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होने वाले इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए देशभर से आए नेता, मशहूर हस्तियां, फिल्मी हस्तियां और बड़े उद्योगपति अयोध्या में एकत्र हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम की प्रतिमा पर पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, ''सदियों के इंतजार के बाद, हमारे भगवान राम अयोध्या वापस आ गए हैं। हमारे बालक राम साधारण तंबू में नहीं रहेंगे। वह इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। 22 जनवरी, 2024 एक नए युग के आगमन का प्रतीक है, न कि केवल एक तारीख। आज गांव-गांव में कीर्तन और संकीर्तन एक साथ हो रहे हैं। देश भर के मंदिरों में त्योहार और अभियान आयोजित किए जाते हैं।
देशभर में आज एक और दिवाली मनाई जा रही है। आज शाम को घर-घर में रामज्योति दीप जलाने की तैयारी चल रही है। हमारे प्रयासों, त्याग और तपस्या में कुछ दोष के कारण ही यह मंदिर सदियों तक नहीं हो सका। इसलिए आज मैं भगवान राम से माफी मांगता हूं। मुझे उम्मीद है कि भगवान राम आज हमें माफ कर देंगे...
मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर भगवान राम भक्तों को पूरी तरह से अवशोषित कर लिया है। दुनिया के हर कोने में भक्त इसे गहराई से महसूस करते हैं ... यह क्षण दिव्य है। राम मंदिर निर्माण के लिए कानूनी लड़ाई वर्षों तक चली। मैं इसे न्याय देने के लिए भारतीय न्यायपालिका का आभार व्यक्त करता हूं।
मंदिर खुलने से पहले मैंने सरयू से धनुषकोडी तक भगवान राम से जुड़े विभिन्न स्थानों की यात्रा की। सागर से सरयू तक, राम नाम की एक ही भावना हर जगह दिखाई देती है ... मंदिर शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और भारतीय समाज के एकीकरण के प्रतीक के रूप में बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ''भगवान राम भारतीय मानस के हर कण से जुड़े हुए हैं। भगवान राम भारतीयों के हृदय में बसते हैं। आज अयोध्या में ही नहीं भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की गई है। राम के रूप में भारतीय संस्कृति में अटूट आस्था मानवीय मूल्यों के उदात्त आदर्शों का मूर्त रूप है।
यह मंदिर सिर्फ भगवान का मंदिर नहीं है। यह मंदिर भारत की दृष्टि, उसका दर्शन और भारत की पहचान है। यह भगवान राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर है। राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की परिपक्वता का प्रतिबिंब है। यह न केवल सफलता का अवसर है, बल्कि विनम्रता का अवसर भी है ... यह राम मंदिर भारत की भव्यता और भारत के उदय का गवाह बनेगा।