केंद्र में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के गठन के दौरान राजा केंद्रीय दूरसंचार मंत्री थे।
इससे पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं और 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए राजा को दोषी ठहराया था।
राजा, कनिमोझी और 17 अन्य को गिरफ्तार किया गया था और दिहार जेल में रखा गया था।
बाद में सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले के सभी आरोपियों को 2017 में बरी कर दिया गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के फैसले के खिलाफ 2018 में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय इस बात पर विचार कर रहा था कि सीबीआई द्वारा दायर अपील को स्वीकार किया जाए या नहीं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने आज मामले की सुनवाई की। उन्होंने मामले को मई में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही 2जी मामले की फिर से जांच चर्चा का विषय बन गई है।