लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश की 93 सीटों पर मतदान जारी है। ऐसे में मुसलमानों के लिए आरक्षण का मुद्दा मौजूदा चुनावी मैदान में बड़ा प्रोपेगेंडा मुद्दा बन गया है।
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने जा रही है। धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अप्रैल के अंत में तेलंगाना में चुनाव प्रचार करते हुए मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म करने का वादा किया था।
तेलंगाना में मोदी ने कहा था, 'जब तक मैं जिंदा हूं, मैं धार्मिक आधार पर मुस्लिमों को एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं देने दूंगा।
मध्य प्रदेश में कल भाजपा के प्रचार पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोटा 50 प्रतिशत और बढ़ाने का वादा किया। मोदी ने अब कहा है कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'मैंने कभी नहीं कहा कि मुसलमानों के लिए कोई आरक्षण नहीं है। लेकिन मैं यह कह रहा हूं कि धर्म आरक्षण देने का आधार नहीं हो सकता। देश के गरीबों में हिंदू, ईसाई और पारसी शामिल हैं। इसलिए सभी को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों ने हजारों वर्षों से अन्याय का सामना किया है और एक विशेष कारण है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने ऐसा सही निर्णय लिया। किसी भी राजनीतिक दल ने इसका विरोध नहीं किया। साथ ही मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है। इसका मतलब यह नहीं है कि मुसलमानों को फायदा नहीं होगा।