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इंडिया

Google: गूगल प्ले स्टोर से हटाए गए 2,500 फर्जी लोन ऐप्स

केवल उन ऐप्स को प्ले स्टोर पर काम करने की अनुमति है जो अपडेट की गई नीति के तहत विनियमित कंपनियों द्वारा अधिकृत हैं या विनियमित कंपनियों के साथ साझेदारी में काम करते हैं।

Hindi Editorial
दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन प्लेटफार्म और टेक् कंपनी अपने डिस्ट्रीब्यूशन सेवा प्लेटफार्म, गूगल ऐप स्टोर से लगभग 2500 फर्जी ऐप्स को हटा दिया है। इस खबर को केंद्रीय सरकार ने खुलासा की है।

संसद में धोखाधड़ी करने वाले ऐप के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बारे में एक सदस्य के सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "गूगल ने अपने ऐप स्टोर से लगभग 3,500 से 4,000 उधार देने वाले ऐप की जांच की है।

अत्यधिक ब्याज दरों और मानसिक उत्पीड़न के बारे में बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए गूगल प्ले स्टोर से 2,500 से अधिक धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप हटा दिए गए हैं।

निर्मला सीतारमण

गूगल ने गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप्स को उधार देने की पॉलिसी में बदलाव किया है।

केवल उन ऐप्स को प्ले स्टोर पर काम करने की अनुमति है जो अपडेट की गई नीति के तहत विनियमित कंपनियों द्वारा अधिकृत हैं या विनियमित कंपनियों के साथ साझेदारी में काम करते हैं।

केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य हितधारकों के साथ लगातार संपर्क में है। वित्तीय और विकास परिषद की बैठकों में भी इस मुद्दे पर नियमित रूप से चर्चा की जा रही है।   

भारत का साइबर अपराध समन्वय केंद्र लगातार डिजिटल उधार देने वाले ऐप्स का विश्लेषण कर रहा है। केंद्र द्वारा जारी रिपोर्ट के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय संदिग्ध ऐप को रोकने के लिए कदम उठा रहा है। 

स्कूलों में साइबर सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए, आरबीआई 'इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग जागरूकता कार्यक्रम' (ई-बात) आयोजित कर रहा है।

एसएमएस, रेडियो प्रसारण, सोशल मीडिया और मैनुअल के माध्यम से विभिन्न प्रकार के लोगों के बीच साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

साइबर क्राइम

सरकार, नियामक निकायों और प्रौद्योगिकी कंपनियों के ये समन्वित प्रयास उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी वाले क्रेडिट ऐप से बचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

लोगों को गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद सभी ऐप्स पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। आपसे पैसे ठगे जाने की स्थिति में आप उन ऐप्स के बारे में साइबर क्राइम अथॉरिटीज से शिकायत कर सकते हैं।

इससे आने वाले वर्षों में उन धोखाधड़ी वाले ऐप्स के माध्यम से ठगे जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी।