दिल्ली के विवेक विहार इलाके में स्थित नवजात अस्पताल में शनिवार रात 11.32 बजे भीषण आग लग गई। आग लगने से सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई। दमकल विभाग ने 12 अन्य बच्चों को सुरक्षित बचा लिया।
दमकलकर्मियों द्वारा आग बुझाने और बचाव अभियान खत्म होने के बाद पुलिस, दमकल कर्मियों और अपराध शाखा की टीम ने अस्पताल का गहन निरीक्षण किया।
टीम ने पाया कि दो मंजिला इमारत में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर आग लगने के बाद फट गए, जिससे बाद की इमारतों को नुकसान पहुंचा। पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने निरीक्षण के बाद संवाददाताओं को बताया कि अस्पताल में आग बुझाने का कोई यंत्र या आपातकालीन निकास द्वार नहीं था।
हादसे के समय ड्यूटी पर मौजूद बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) ग्रेजुएट डॉ. आकाश नवजात शिशुओं के इलाज के लायक नहीं हैं। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल में भर्ती राशि से अधिक थे। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा अस्पताल को जारी लाइसेंस दुर्घटना (31 मार्च) से, लगभग दो महीने पहले समाप्त हो गया था। इसके अलावा, आग लगने के समय अस्पताल में 12 नवजात शिशु थे, भले ही केवल पांच बेड लाइसेंस प्राप्त थे।
इस जांच के बाद, हमने आईपीसी की धारा 304 और 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया है। अस्पताल की दिल्ली, फरीदाबाद और गुड़गांव (हरियाणा) में तीन शाखाएँ हैं। इन शाखाओं के मालिक डॉ. नवीन किची (45) को शनिवार रात गिरफ्तार किया गया।