ऐश्वर्या रजनीकांत 
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Rajinikant: "मेरे पिता को 'संघी' कहा जाता है; लेकिन..." - ऐश्वर्या रजनीकांत

Hindi Editorial
ऐश्वर्या रजनीकांत के निर्देशन में बनी 'लाल सलाम' में विष्णु विशाल और विक्रांत मुख्य भूमिकाओं में हैं।

एआर रहमान ने फिल्म के लिए संगीत तैयार किया है। क्रिकेट से जुड़ी इस कहानी में पूर्व क्रिकेटर कपिल देव अहम भूमिका निभा रहे हैं। फिल्म का ऑडियो लॉन्च कल चेन्नईमें हुआ था। फिल्म अगले महीने सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

लाल सलाम | विक्रांत, विष्णु विशाल, ऐश्वर्या

इवेंट में ऐश्वर्या रजनीकांत ने कहा, "यह हर किसी के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। मैं सिनेमैटोग्राफर विष्णु को '3' से जानता हूं। उन्होंने मुझे इस फिल्म की कहानी सुनाई। मैं कहानी के लिए कई लोगों से मिला। मैं समझ गयी थी कि जो भी मुझसे मिलते है, वो मेरे पिता के सम्मान से ही मिलते है।

उसके बाद मैंने एक शो रील किया। मैंने पहले दो प्रोडक्शन कंपनी से मिली। उसके बाद एक और प्रोडक्शन कंपनी से मिला, जिन्होंने कहा, ये काम बजट का फिल्म है। उन लोगों ने कहा कि यह काम बजट दिखता है और 40 करोडी बजट में लाने के लिए कहा।

इसके बाद ही पापा (रजनीकांत) ने शो रील देखे थे। फिर पापा ने कहा, अगर मैं इस रोल करूँ तो कैसा होगा? उसके बाद ही यह सब कुछ।

ऐश्वर्या रजनीकांत अपने बेटों के साथ

कुछ लोग सोचते है कि ये लोग बड़े आदमी है इसलिए सब कुछ इनके लिए आसान होगा। ऐसा नहीं, सब के लिए आसान ही है। इन लोगों ने मुझसे बेहतर पापा को देखभाल किया। प्रशंसक पापा को अच्छे से देखभाल करते है।

इसके बाद रहमान के बारे में बताते हुए ऐश्वर्या ने कहा कि वो एक बच्चे जैसा मासूम है, उनके साथ रहकर आये तो हम जीवन के मूल्य को समझ सकते है।

अपने बच्चों के बारे में बताते हुए, ऐश्वर्या ने शोक जाहिर की कि इस फिल्म के शूटिंग के समय बच्चों के साथ काम समय ही बिता सकीय। लेकिन बच्चों ने हालत समझ गए थे। ऐश्वर्या ने कहा की उनका बड़ा बेटा जिम्मेदारी से बोलता है और छोटावाला एक क्रिटिक है।

फिर से पिता के बारे में बताते हुए ऐश्वर्या ने कहा, "जब बेटी कष्ट में है तब पिता पैसे देते है। लेकिन मेरे पिता ने मुझे फिल्म दिए है, जिंदगी दिए है। हमेशा मेरे लिए पापा ही पहला है।

पिताजी उस दर्शन पर आए जिसके बारे में यह फिल्म बात करती है। हमारी टीम सोशल मीडिया पोस्ट कर रही है। एक शब्द है जो अक्सर मेरे कानों में पड़ता है। मेरे पिता को 'संघी' कहा जाता है। वे कहते हैं कि एक राजनीतिक व्यक्ति को 'संघी' कहा जाता है।

रजनीकांत

वह 'संघी' नहीं है। रजनीकांत संघी नहीं हैं। अगर आप इस फिल्म को देखेंगे तो समझ जाएंगे। इसके बाद यह फिल्म आपकी लिस्ट में होगी। एक 'संघी' इस फिल्म को नहीं कर सकता। इस फिल्म को कोई मानवतावादी ही बना सकता है। वह एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिसके पास यह साहस है। मैं गर्व से कहता हूं। कोई भी ऐसा नहीं करेगा। आप हिंदू या ईसाई हो सकते हैं। लेकिन आप इस फिल्म को रजनीकांत के प्रशंसक के रूप में देखेंगे।