परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में ब्रिटिश भारत के सिंध में माल का कारोबार शुरू किया। उनके चार बेटे थे, श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक। प्रारंभ में, उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वितरित किया और इसे एक सफल व्यवसाय बना दिया।
हिंदुजा समूह वित्त, मीडिया, ऊर्जा, अशोक लेलैंड और इंडसइंड बैंक, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, आईटी, हेल्थकेयर, मनोरंजन और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है।
हिंदुजा परिवार एशिया के शीर्ष 20 सबसे धनी परिवारों में शामिल है। इस बीच, प्रकाश, उनकी पत्नी कमल, बेटा अजय और उनकी पत्नी नम्रता स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं। उन पर मानव तस्करी सहित विभिन्न आरोप लगाया गया था।
प्रकाश और उसके परिवार के सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने अपने घरों में अवैध रूप से भारतीय नौकरों को नियुक्त किया, जो अपने घरों में केवल हिंदी जानते थे, उन्हें कम मजदूरी दी, उन्हें अवैध रूप से लंबे समय तक काम कराया और सप्ताह में सात दिन काम किया।
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत को बताया कि हिंदुजा परिवार अपने पालतू कुत्ते पर प्रतिदिन 23.51 फ्रैंक (2,217 रुपये) खर्च करता है। वहीं, एक महिला घरेलू कामगार को एक दिन में 18 घंटे काम करने के लिए केवल 7 फ्रैंक (660 रुपये) का भुगतान किया जाता है। वे कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त कर लेते हैं और उन्हें काम करने के लिए धमकाते हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान कल स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने यह फैसला सुनाया। प्रकाश और उनकी पत्नी कमल को चार-चार साल छह-छह महीने की सजा सुनाई गई है, जबकि उनके बेटे अजय और उनकी पत्नी नम्रता को चार-चार साल छह महीने की सजा सुनाई गई है।